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Ramedar Goat Farm
Ramedar Goat Farm
काशी, सारनाथ और चंद्रावती (आठवें तीर्थंकर श्री चंद्रप्रभ भगवान का जन्म स्थान) के पास स्थित रमेदार बकरी फार्म वाराणसी जिले के चौबेपुर थाने के नारायणपुर गांव में स्थित है। जनवरी 2020 में स्थापित, रमेदार बकरी फार्म एक अभिनव बकरी पालन परियोजना है, जो पूरी तरह से एग्रीकाश द्वारा समर्थित है। फार्म का संचालन और प्रबंधन उद्यमी युवा किसान श्री रमेदार द्वारा किया जाता है, जिन्हें सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन गोट्स (सीआईआरजी) में वैज्ञानिक बकरी पालन में प्रशिक्षित किया गया है। एक स्नातक और कंप्यूटर साक्षर, श्री रमेदार एक मेहनती और दूरदर्शी किसान हैं जो दृढ़ता और अखंडता में विश्वास करते हैं।रमेदार बकरी फार्म (आरबीएफ) दो प्रसिद्ध बकरी नस्लों पर अपना ध्यान केंद्रित करता है - जमुनापारी नस्ल और ब्लैक बंगाल नस्ल। जमुनापारी बकरी की नस्ल बकरी की नस्लों में सबसे ऊँची प्रजाति है और अक्सर सुंदर सफेद कोट वाली होती है। जमुनापारी बकरी एक अच्छी दूध देने वाली बकरी है। इसका प्राकृतिक भौगोलिक भू-भाग पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। दूसरी ओर, ब्लैक बंगाल नस्ल भारत में बकरी की सबसे छोटी नस्लों में से एक है और आमतौर पर काले रंग के उच्च गुणवत्ता वाले कोट के लिए जानी जाती है। ब्लैक बंगाल अपने उच्च गुणवत्ता वाले चीवन के लिए प्रसिद्ध है। यह नस्ल भारत के पूर्वी क्षेत्रों की विशिष्ट है। आरबीएफ इस प्रकार भारत की दो विशिष्ट और प्रसिद्ध बकरी नस्लों का लौकिक संगम है।RBF ने प्रशिक्षण के बाद CIRG से मिली सिर्फ दो बकरियों से शुरुआत की, अब 30 से अधिक बकरियों का मालिक है और बहुत जल्द पचहत्तर बकरियां रखने की दिशा में खुद को आगे बढ़ा रहा है। दिसंबर 2020 में श्री रमेदार के उद्यम की विधिवत सराहना हुई जब उन्हें वाराणसी जिले में किसान सम्मान पुरस्कार के पशुपालन खंड में द्वितीय स्थान प्रदान किया गया। दूरदर्शन ने भी श्री रमेदार के परिश्रम को स्वीकार किया है और उनके उद्यम पर केंद्रित एक कार्यक्रम (https://www.youtube.com/watch?v=WB9Xi2GExdE) प्रसारित किया है। निरंतर बढ़ते हुए अपने क्षेत्र के स्थापित बकरी उद्यम बनने के RBFके अभियान का अग्रिकाश तहे दिल से स्वागत करता है।Placed close to Kaashi, Sarnath and Chandravati (the birth place of 8th Teerthankar Shri ChandraprabhBhagwan), Ramedar Bakari Farm is located in the Narayanpur village, in Choubepur Thana of Varanasi district. Established in January 2020, Ramedar Bakari Farm is an innovative goat farming project fully supported by Agrikaash. The farm is run and managed by enterprising young farmer Shri Ramedar who has been trained in scientific goat farming at Central Institute for Research on Goats (CIRG). A graduate and computer literate, Shri Ramedar is a hardworking and forward-looking farmer who believes in perseverance and integrity.Ramedar Bakari Farm (RBF) has its focus on two famous goat breeds – the Jamunapari breed and the Black Bengal breed. The Jamunapari goat breed is the tallest of goat breeds and is often with beautiful white coat. Jamunapari goat is a good milk producing goat. Its natural geographic terrain is inWestern UP. On the other hand,Black Bengal breed is one of the smallest of goat breeds in India and is known for its high-quality coat generally of black colour.Black Bengal is famous for its high-quality chevon. This breed is typical of eastern regions of India. RBF is thus the proverbial confluence of two distinct and well-known goat breeds of India.RBF started with just two goats got from CIRG after the training, now owns more than 30 goats and is driving itself towards having seventy-five goats very soon. The enterprise of Shri Ramedar was duly appreciated in December 2020 when he was awarded the second place in animal husbandry section of the Kisan Samman Awards in Varanasi district. Doordarshan too has acknowledged the diligence of Shri Ramedar and broadcast a programme (https://www.youtube.com/watch?v=WB9Xi2GExdE) focussed on his venture. Agrikaash is supporting RBF to scale up to become a reputed player in goat farming in the region.
UDeS Honey Farm
UDeS Honey Farm
वाराणसी जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र में स्थित नरायनपुर गाँव में उदेस हनी फार्म्स यानि उदेस मधुवाटिका का अभिनव उद्यम शुरू हुआ है। गाँव के युवा उद्यमी श्री मोहित आनंद पाठक ने मधुमक्खी पालन को अपना व्यवसाय बनाने और इस उद्यम को लोकप्रिय करने के उत्तम उद्देश्य से उदेस हनी फार्म्स की स्थापना की है। इस मधुवाटिका में एक खास किस्म की मधुमक्खी, जिसे इटैलियन मधुमक्खी (एपिस मैलिफेरा) के नाम से जाना जाता है, का पालन होता है।सन 2018 में स्थापित इस हनी फार्म से वाराणसी और आस पास के जिलों के कई लोगों ने मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया है और वे भी इस उद्यम से जुड़ चुके हैं। इतना ही नहीं UDeS Honey Farms को FSSAI सर्टिफिकेशन और NBB (भारतीय माधवी परिषद) में रजिस्ट्रेशन भी प्राप्त हो चुका है। ध्यान देने योग्य बात है की उदेस हनी फार्म्स व्यावसायिक सफलता के अतिरिक्त अपने क्षेत्र के उन लोगों को मधुमक्खीपालन सिखाकर आत्मनिर्भर भी बना रहा है जो गरीबी और अशिक्षा से जूझ रहे हैं। उदेस हनी फार्म्स से संपर्क के लिए आप फोन नंबर 9555211341 पर काल करें अथवा info@agrikaash.com पर मेल करें।श्री मोहित आनंद पाठक के उदेस हनी फार्म्स को सहयोग और समर्थन प्रदान कर अग्रिकाश प्रफुल्लित महसूस करता है।The enterprise UDeS Honey Farms has been started at the Narayanpur village of the thana Choubeypur in Varanasi District. Young entrepreneur Mr. Mohit Anand Pathak from the village has adopted apiculture as his profession and aims at popularising apiculture in the region through his UDeS Honey Farms. A special species of bees, called Italian honey bee (Apis mellifera) is reared in this honey farm.Many people from Varanasi and surrounding districts have received training in beekeeping from this honey farm established in the year 2018 and have also joined this venture. Not only this, UDeS Honey Farms has also received FSSAI certification and registration with NBB (Bharatiya Madhavi Parishad). Besides professional success UDeS Honey Farm is targeting to empower underprivileged and uneducated persons by making them self-reliant through apiculture. One can contact UDeS Honey Farm on the phone number 9555211341 or through the email info@agrikaash.comAgrikaash feels proud in helping and supporting the UDeS Honey enterprise of Mr. Mohit Anand Pathak.
UDeS Pearl Farm
UDeS Pearl Farm
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा सराहना प्राप्त ‘उदेस पर्ल फार्म्स’ श्री श्वेतांक पाठक का अभिनव कृषि उद्यम है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के चौबेपुर थाना में नरायनपुर गाँव के उदयपुरा में स्थित ‘उदेस पर्ल फार्म्स’ डिजाइनर न्यूक्लिअस युक्त सीपियों के पालन में अग्रणी है। CIFA (Central Institute of Freshwater Aquaculture), भुवनेश्वर द्वारा प्रशिक्षित श्री श्वेतांकपाठक समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर होने के साथ ही योग्य शिक्षक भी हैं। ये अपने क्षेत्र के किसानों को भी मोती की खेती प्रारंभ करने में सहयोग कर रहे हैं। स्वतः प्रेरित और उद्यमशील श्री श्वेतांक पाठक के इस उद्यम को अग्रिकाश प्रारंभ से ही हर तरह से प्रोत्साहित कर रहा है और समर्थन दे रहा है। मोती की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आप ‘उदेस पर्ल फार्म्स’ से फोन नंबर 9415698328 पर या ईमेल info@agrikaash.comपर संपर्क कर सकते हैं।Commended by the Honourable Prime Minister Shri Narendra Modi ji, ‘UDeS Pearl Farms’ is an innovative farming enterprise of Shri Shwetank Pathak. Located in Udaypura of Naryanpur village of Chaubeypur thana in Varanasi district of Uttar Pradesh, ‘Udes Pearl Farms’ pioneers in rearing oysters implanted with designer nuclei. CIFA (Central Institute of Freshwater Aquaculture), Bhubaneshwar trained Shri Shwetank is a post graduate in Sociology and a qualified teacher too. He is also helping farmers in the region to start pearl farming. Agrikaash has been encouraging and supporting self-motivated and industrious Shri Shwetank Pathak in building this enterprise right from its beginning. You may contact ‘UDeS Pearl Farms’ over the phone number 9415698328 or the email info@agrikaash.com for further details regarding pearl farming.